Alp Viram Chinh
इस लेख में हम अल्प विराम चिन्ह के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। इस लेख में आपको अल्प विराम किसे कहते हैं (Alp Viram Kise Kahate Hain) और अल्प विराम के उदाहरण (Alp Viram Examples in Hindi) के बारे में विस्तारपूर्वक बता रहे हैं।
अतः पुरे लेख को धैर्य पूर्वक पढ़ें और अपने सुझाव और सवाल ह्मारे साथ साझा करें।
अल्प विराम चिन्ह की परिभाषा (Alp Viram Chinh Ki Paribhasha)
अल्प विराम का अर्थ थोड़ी सी देर के लिए रुकना होता है। भाषा के लिखित रूप में बात को अच्छी तरह समझाने के लिए लेखक वाक्य के बीच में कई बार थोड़े-थोड़े समय के लिए रुकता है। इसी थोड़े समय के ठहराव को संकेत चिन्ह के रूप में लिखने के लिए जिस विराम चिह्न का प्रयोग किया जाता है उसे अल्प विराम चिन्ह (Alp Viram Chinh) कहते हैं।
अल्पविराम का प्रयोग (Alp Viram Chinh Ka Prayog)
अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओँ में किया जाता है। हिंदी भाषा में अल्प विराम चिन्ह के प्रयोग और प्रयोग के नियम निम्नलिखित हैं।
- अल्प विराम चिह्न का प्रयोग किसी वाक्य में एक ही प्रकार के शब्दों के मध्य रुकने के लिए या उन्हें अलग करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण के लिए:
- विजय ने बच्चों के लिए आम, अमरूद, केले आदि ख़रीदे।
- मैंने मेले में मिठाई, पकौड़े, आइसक्रीम आदि चीज़ें खाई।
- मुझे बाज़ार से किताबें, पेन्सिल, रबर आदि सामान खरीदना है।
- अल्प विराम चिह्न (Alp Viram Chinh) का प्रयोग किसी वाक्य में उपस्थित सभी उपवाक्यों के मध्य थोड़ा रुकने या उन्हें अलग करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण के लिए:
- मैं आया, खाना खाया और वापस चला गया।
- हवा चली, आँधी आई और बारिश हुई।
उपरोक्त उदाहरणों में आप देख सकते हैं की वाक्य के उपवाक्यों को अलग करने के लिए अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
- अल्प विराम चिह्न का प्रयोग अवतरण चिन्ह (Avtaran Chinh) से ठीक पहले भी किया जाता है।
उदाहरण के लिए:
- उसने मुझसे कहा, “तुम बहुत अच्छे लड़के हो।”
- पिताजी बोले, “मुझे तुम पर गर्व है”
- अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग सम्बोधन कारक की संज्ञा और सम्बोधन के पश्चात् किया जाता है।
जैसे:
- लो, मैं यह चला।
- लाओ, मुझे देदो।
- रवि, तुम आज फिर देर से आए हो।
- महादेव, तू ही सबका रखवाला है।
- मेघा, अब तुम घर जा सकती हो।
- अल्प विराम चिह्न (Alp Viram Chinh) का प्रयोग समानाधिकरण शब्दों के बीच में भी किया जाता है।
उदाहरण के लिए:
- ईरान के बादशाह, नादिरशाह ने दिल्ली पर चढ़ाई की।
- विदेहराज की पुत्री वैदेही, राम की पत्नी थी।
- अल्प विराम चिह्न (Alp Viram Chinh) का प्रयोग वाक्य के मध्य आए क्रिया विशेषण या विशेषण उपवाक्य प्रयुक्त होने पर, उनको अलग करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण के लिए:
- यह बात, यदि सच पूछो तो, मैं भूल ही गया था।
- संत महात्माओं ने, समय-समय पर, यह उपदेश दिया है।
- अल्प विराम का प्रयोग शब्दों एवं वाक्यांशों की पुनरावृत्ति होने पर किया जाता है और विशेषकर वहाँ, जहाँ उन पर विशेष बल दिया जाए।
उदाहरण के लिए:
- वह दूर, बहुत दूर रहता है।
- यह किताब उपयोगी, बहुत उपयोगी है।
- मैं तुमसे नाराज़, बहुत नाराज़ हूँ।
- अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग किसी वाक्य में वह, यह, तब, तो, या, अब इत्यादि के लुप्त होने पर किया जाता है।
उदाहरण के लिए:
- मैं जो कहता हूँ, झटपट करो। (यहाँ अल्प विराम का प्रयोग ‘वह’ के स्थान पर हुआ है)
- जब खाना ही है, खा लो। (यहाँ अल्प विराम का प्रयोग ‘तब/तो’ के स्थान पर हुआ है)
- वह जहाँ बैठ जाता है, सो जाता है। (यहाँ अल्प विराम का प्रयोग ‘वहाँ’ के स्थान पर हुआ है)
- संयुक्त वाक्यों के प्रधान उपवाक्यों में घना सम्बन्ध होने पर उनके के बीच में अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण के लिए:
- पहले मैंने महल देखा, फिर मैंने राजा का किला देखा, और वहाँ से मैं गाँव चला गया।
उपरोक्त सभी स्थितियों के अलावा संख्या के अंकों को अलग करने के लिए, छंदों में यति के पश्चात्, उदाहरणों को अलग करने के लिए और वाक्य में जहाँ थोड़ा रुकने का भाव आए वहाँ अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
अल्प विराम चिन्ह के उदाहरण (Alp Viram Chinh Ke Udaharan)
- बाज़ार से आते समय फल, सब्जियां, साबुन आदि लेते आना।
- वह आया, नहाया और नए कपड़े पहन कर चला गया।
- मोहन, तुम खेत में जाकर ताज़ा सब्ज़ियां ले आओ।
- विजय ने आकाश से कहा, चले जाओ।
- रोको, मत जाने दो।
- ठहरो, तुम ऐसा नहीं कर सकते।
- बैठो, खाना खाकर जाना।
- मैं चला जाता, किन्तु मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं है।
अल्प विराम चिन्ह के वाक्य (Alp Viram Chinh Ke Vakya)
- बच्चा, बाहर जाकर खेलो।
- रोको मत, जाने दो।
- विजय, तुम खाना खाकर बाज़ार चले जाना।
- जब वह खाने बैठता है, खाता ही जाता है।
- सीमा, विजया, कविता और किरणा घर चली गई।
- बैठो, बैठकर बात करो।
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