विशेषण किसे कहते हैं | Visheshan Kise Kahate Hain
Visheshan in Hindi
विशेषण की परिभाषा:- संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं. विशेषण किसी वस्तु का अप्रत्यक्ष नाम होता है. अतः सर्वनाम की भांति ही विशेषण भी एक तरह की संज्ञा ही होता है. जैसे: नीला आकाश, लम्बी लड़की, छोटा लड़का, मोटा आदमी, सफ़ेद गाय एवं सुन्दर महिला इत्यादि में नीला, लंबी, छोटा, मोटा, सफ़ेद तथा सुन्दर विशेषण शब्द हैं, जो आकाश, लड़की, लड़का, आदमी, गाय एवं महिला इत्यादि संज्ञा शब्दों की विशेषता बता रहे हैं.
विशेषण का निर्माण संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया तथा अव्यय शब्दों के साथ प्रत्यय जोड़ कर किया जाता है.
एक तरह की संज्ञा होने के बावजूद हिंदी व्याकरण में विशेषण को अलग शब्द-भेद की तरह पढ़ा जाता है क्योंकि विशेषण का प्रयोग संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के बिना नहीं किया जा सकता और इनका प्रयोग संज्ञा या सर्वनाम का धर्म सूचित करने के लिए किया जाता है.
जिस तरह हिंदी पद्य में अलंकार होते हैं उसी तरह हिंदी गद्य में अलंकार विशेषण होते हैं.
विशेषण, संज्ञा शब्दों के विस्तार को मर्यादित कर देते हैं, अर्थात संज्ञा शब्दों के साथ विशेषण का प्रयोग करने से संज्ञा की संख्या में कमी हो जाती है. जैसे: गाय की अपेक्षा सफ़ेद गाय की संख्या कम है. व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्दों के साथ प्रयुक्त विशेषण शब्दों से संज्ञा का विस्तार मर्यादित नहीं होता है, महज़ अर्थ की स्पष्टता होती है. जैसे: पतिव्रता सीता, दयालु ईश्वर आदि.
विशेषण के उदाहरण | Visheshan Ke Udaharan
- सविता बहुत सुंदर लड़की है.
- शंकर बहुत मेहनती कार्यकर्ता है.
- जयपुर स्वच्छ शहर है.
- महेश बुरा लड़का है.
- उसके पास बीस पुस्तकें हैं.
उपरोक्त उदाहरणों में स्वच्छ, मेहनती एवं सुंदर संज्ञा शब्दों की विशेषता बता रहे हैं अतः ये विशेषण है.
विशेषण शब्द को कैसे पहचानें
किसी भी वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम शब्दों से ठीक पहले कैसा/कैसी/कैसे अथवा कितना/कितनी/कितने शब्दों का प्रयोग करके सवाल करने पर उत्तर के रूप में मिलने वाला शब्द विशेषण होता है. जैसे: अच्छा लड़का से पहले कैसा शब्द प्रयुक्त करने पर जवाब अच्छा आएगा. अतः यहाँ अच्छा विशेषण शब्द होगा.
विशेष्य किसे कहते हैं (visheshya kise kahate hain)
विशेषण शब्द जिस संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बताता है, उसे विशेष्य कहते हैं। अतः संज्ञा या सर्वनाम शब्द ही विशेष्य कहलाता है. विशेष्य के साथ विशेषण का प्रयोग दो तरह से होता है.
- संज्ञा के साथ – संज्ञा के साथ प्रयुक्त होने पर इसे विशेष्य विशेषण कहते हैं तथा इनका प्रयोग विशेष्य से पहले किया जाता है.
- क्रिया के साथ – क्रिया के साथ प्रयुक्त होने पर इसे विधेय विशेषण कहते हैं तथा इनका प्रयोग क्रिया से पहले किया जाता है. विधेय विशेषण समानाधिकरण होता है.
विशेष्य के उदाहरण | visheshya ke udaharan
- विजय बहादुर लड़का है.
- विनोद भोला-भाला आदमी है.
- सविता सबसे लम्बी लड़की है.
- शंकरन पढ़ा लिखा इंसान है.
उपरोक्त उदाहरणों में विजय, विनोद, सविता एवं शंकरन इत्यादि विशेष्य हैं। अतः यही शब्द संज्ञा शब्द भी होंगे.
प्रविशेषण किसे कहते हैं (pravisheshan)
विशेषण शब्द की विशेषता बताने वाले शब्द को प्रविशेषण कहते हैं। जैसे: बहुत मोटा आदमी, बिल्कुल दुबली औरत आदि में बहुत एवं बिल्कुल प्रविशेषण शब्द हैं क्योंकि ये शब्द मोटा एवं दुबली शब्दों की विशेषता बता रहे हैं।
प्रविशेषण के उदाहरण (pravisheshan ke udaharan)
- राम बहुत अच्छा लड़का है.
- मेरे पास कविताओं की लगभग दो दर्जन पुस्तकें हैं.
- भोजन बहुत स्वादिष्ट है.
आइए, अब विशेषण, विशेष्य एवं प्रविशेषण को उदाहरण के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं।
चाय बहुत मीठी है। इस वाक्य में ‘चाय’ शब्द संज्ञा एवं विशेष्य है। चाय की विशेषता बताने वाला शब्द ‘मीठी’ है। अतः इस वाक्य में ‘मीठी’ विशेषण शब्द है। वाक्य में विशेषण शब्द (मीठी) की विशेषता बताने वाला शब्द ‘बहुत’ है। अतः इस वाक्य में ‘बहुत’ प्रविशेषण शब्द है।
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विशेषण के भेद | Visheshan Ke Bhed
विशेषण के चार भेद होते हैं:- गुणवाचक विशेषण, संख्यावाचक विशेषण, परिमाणवाचक विशेषण, सार्वनामिक विशेषण।
गुणवाचक विशेषण
गुणवाचक का शाब्दिक अर्थ गुण बताने वाला होता है. वह विशेषण शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्द का गुण, दोष, रंग, रूप, आकार, स्वभाव, समय, स्थान या दशा आदि का बोध करवाता है, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं. जैसे: भले लोग, गंदी बस्ती, कोमल शरीर, पुराने कपड़े, छोटा मकान, काला घोडा, लालची आदमी इत्यादि.
गुणवाचक विशेषण शब्द
समय या काल | नया, पुराना, आगामी, मौसमी, अगला, पिछला, प्राचीन, भूत, वर्तमान, आज, कल, भविष्य इत्यादि. |
स्थान | लंबा, चौड़ा, भीतरी, बाहरी, ऊँचा, नीचा, सीधा, तिरछा, सँकरा, स्थानीय इत्यादि. |
आकार | नुकीला, सुंदर, पोला, समान, सुडौल, चौकोर, गोल, चपटा इत्यादि. |
रंग | लाल, पीला, नीला, हरा, कला, सफ़ेद, सुनहरी, चमकीला, धुँधला, फीका इत्यादि. |
दशा | दुबला, पतला, मोटा, गीला, सूखा, पिघला, घना, ग़रीब, अमीर, पालतू, रोगी, स्वस्थ, बीमार, कच्चा इत्यादि. |
गुण | भला, बुरा, उचित, अनुचित, सच, झूठ, शांत, सीधा, दुष्ट, न्यायी, दानी, पापी, कमज़ोर, ताक़तवर, मीठा, खट्टा इत्यादि. |
गुणवाचक विशेषण के उदाहरण
- रवि ईमानदार लड़का है।
- वह एक बड़ी कंपनी में काम करता है।
- पहले वाक्य में ‘लड़का’ संज्ञा शब्द है। संज्ञा शब्द की विशेषता बताने वाला शब्द ‘ईमानदार’ है। अतः इस वाक्य में ‘ईमानदार’ विशेषण शब्द है। ईमानदार होना एक गुण है। अतः यहाँ ईमानदार गुणवाचक विशेषण है।
- द्वितीय वाक्य में कंपनी संज्ञा शब्द है। संज्ञा शब्द की विशेषता बताने वाला शब्द बड़ी है। अतः इस वाक्य में बड़ी विशेषण शब्द है। बड़ी शब्द संज्ञा का आकार बता रहा है। अतः यहां बड़ी गुणवाचक विशेषण है।
Note:- गुणवाचक विशेषण के बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:-
संख्यावाचक विशेषण
संख्यावाचक शब्द का शाब्दिक अर्थ संख्या का बोध करवाने वाला होता है. वह विशेषण शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्द की निश्चित या अनिश्चित संख्या, क्रम या गणना का बोध करवाता है, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। हिंदी के सभी संख्यावाचक विशेषण प्राकृत के माध्यम से संस्कृत भाषा से आए हैं.
संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण
- मैंने बाज़ार से चार पुस्तकें क्रय की।
इस वाक्य में ‘पुस्तकें’ संज्ञा शब्द है। संज्ञा शब्द की विशेषता बताने वाला शब्द ‘चार’ है। अतः इस वाक्य में ‘चार’ विशेषण शब्द है। ‘चार’ शब्द संज्ञा की संख्या बता रहा है। अतः यहां ‘चार’ संख्यावाचक विशेषण है।
संख्यावाचक विशेषण के भेद
- निश्चित संख्यावाचक विशेषण
- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
निश्चित संख्यावाचक विशेषण
वह संख्यावाचक विशेषण शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्द की निश्चित संख्या, क्रम या गणना का बोध करवाता है, उसे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे: तीन कुर्सी, दो आम, सौ छात्र, दूसरा व्यक्ति, तीनों लड़किया आदि।
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
वह संख्यावाचक विशेषण शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्द की निश्चित संख्या, क्रम या गणना का बोध नहीं करवाता है, उसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे: कई आदमी, कुछ छात्र, बहुत लोग, सब जानवर आदि।
Note:- संख्यावाचक विशेषण के विस्तृत अध्ययन के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:-
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परिमाणवाचक विशेषण
वह विशेषण शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्द की मात्रा, परिमाण, नाप, तोल आदि का बोध करवाता है उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। यदि अगणनीय संज्ञा के साथ मात्रा सूचक शब्द नहीं दिया गया हो तथा अनिश्चितता सूचक शब्द जोड़ दिया जाए तो ऐसे विशेषण अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण होते हैं.
परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण
- हमारी गाय दस लीटर दूध देती है। इस वाक्य में ‘दूध’ संज्ञा शब्द है। संज्ञा शब्द की विशेषता ‘दस लीटर’ है। यहाँ ‘दस लीटर’ संज्ञा का परिमाण बता रहा है। अतः इस वाक्य में ‘दस लीटर’ परिमाणवाचक विशेषण है।
परिमाणवाचक विशेषण के भेद
पदार्थ की निश्चित एवं अनिश्चित मात्रा के आधार पर परिमाणवाचक विशेषण के दो भेद होते हैं.
- निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
- अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
वह परिमाणवाचक विशेषण शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्द की निश्चित मात्रा, परिमाण, नाप, तोल आदि का बोध करवाता है, उसे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे: तीन किलो अनाज, दो लीटर तेल, चार मीटर कपड़ा आदि
निश्चित परिमाणवाचक के उदाहरण
- सात लीटर तेल देना.
- ओलावृष्टि से बीस हज़ार टन अनाज नष्ट हो गया.
- तीन किलो पनीर देना.
अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
वह परिमाणवाचक विशेषण शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्द की निश्चित मात्रा, परिमाण, नाप, तोल आदि का बोध नहीं करवाता है, उसे अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे:- थोड़ा अनाज, कुछ फल आदि
अनिश्चित परिमाणवाचक के उदाहरण
- थोड़ा सा दूध देना.
- मुझे कुछ सामान चाहिए.
- ओलावृष्टि से हज़ारों टन अनाज नष्ट हो गया.
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सार्वनामिक विशेषण
वह सर्वनाम शब्द, जो विशेषण के रूप में किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बताता है उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। आसान भाषा में हम कह सकते हैं कि कुछ सर्वनाम शब्द ऐसे होते हैं, जो सर्वनाम शब्द होते हुए भी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, इसलिए उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है। इसे संकेतवाचक विशेषण भी कहते हैं.
पुरूषवाचक सर्वनाम एवं निजवाचक सर्वनाम को छोड़कर शेष सभी सर्वनाम विशेषण की तरह प्रयुक्त होते हैं. जब सर्वनाम शब्द अकेले प्रयुक्त होते हैं तो सर्वनाम होते हैं लेकिन संज्ञा के साथ प्रयुक्त होने पर विशेषण होते हैं. जैसे: कोई रो रहा है वाक्य अनिश्चयवाचक सर्वनाम का उदाहरण है जबकि कोई बालक रो रहा है वाक्य सार्वनामिक विशेषण का उदाहरण है.
सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण
- वह कौन आ रहा है?
- यह मेरा घर है।
- वह बालक पुस्तक पढ़ रहा है.
- जो बालक पढ़ते हैं वे सफल होते हैं.
- कौन बालक जा रहा है.
- कोई बालक रो रहा है.
Note:- सार्वनामिक विशेषण के बारे में विस्तृत अध्ययन करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:-
वाक्य में प्रयोग के आधार पर विशेषण के भेद
वाक्य में प्रयोग के आधार पर विशेषण के दो भेद होते हैं.
- उद्देश्य विशेषण
- विधेय विशेषण
उद्देश्य विशेषण
किसी वाक्य में उद्देश्य की विशेषता बताने वाले शब्द को उद्देश्य विशेषण कहते हैं. वाक्य में कर्ता का विस्तारक ही उद्देश्य विशेषण होता है. यह वाक्य में सदैव कर्ता से पहले लिखा जाता है. अतः परीक्षा में शीघ्रता से उद्देश्य विशेषण पहचानने के लिए यह एक ट्रिक है कि उद्देश्य विशेषण सदैव कर्ता से पहले ही होगा.
उद्देश्य विशेषण के उदाहरण
- चालाक बालक भाग गया.
- कमज़ोर बालक हार गया.
- मैं हरि सब्जी अधिक खाता हूँ.
- वहाँ एक पतला लड़का बैठा था.
- मुझे स्वादिष्ट भोजन पसंद है.
विधेय विशेषण
किसी वाक्य में विधेय (कर्म एवं क्रिया) की विशेषता बताने वाले शब्द को विधेय विशेषण कहते हैं. वाक्य में कर्म या क्रिया का विस्तारक ही विधेय विशेषण होता है. यह वाक्य में सदैव कर्ता के बाद होता है.
विधेय विशेषण के उदाहरण
- शंकर होशियार है.
- सब्जी हरि है.
- वह लड़का मोटा था.
- भोजन बड़ा स्वादिष्ट था.
विशेषण की अवस्थाएँ
विशेषण की तुलनात्मक स्थिति को अवस्था कहते हैं. विशेषण की तीन अवस्थाएँ होती हैं.
- मूलावस्था
- उत्तरावस्था
- उत्तमावस्था
मूलावस्था
जब कोई विशेषण शब्द किसी पदार्थ की विशेषता प्रकट करने के लिए अपने मूल स्वरूप में ही प्रयुक्त होता है तो उस अवस्था को उस विशेषण की मूलावस्था कहते हैं. मूलावस्था में संज्ञा या सर्वनाम की सामान्य स्थिति का बोध होता है.
विशेषण की मूलावस्था के उदाहरण
- राम एक अच्छा लड़का है.
- श्याम बुरा व्यक्ति है.
- गंगा एक पवित्र नदी है.
- कविता एक पटु बालिका है.
उत्तरावस्था
जब कोई विशेषण दो पदार्थों या व्यक्तियों की परस्पर तुलना करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है तो वहाँ उस विशेषण की अवस्था को उत्तरावस्था कहते हैं. उत्तरावस्था में दो संज्ञा शब्दों या सर्वनाम शब्दों के मध्य तुलना का बोध होता है. विशेषण की मूलावस्था से उत्तरावस्था बनाने के लिए या तो मूल विशेषण शब्द में तर या ईयस् प्रत्यय जोड़ा जाता है या फिर मूल विशेषण शब्द से पहले से का प्रयोग किया जाता है.
मूलावस्था से उत्तरावस्था या उत्तमावस्था में परिवर्तन को अवस्था परिवर्तन कहते हैं.
विशेषण की उत्तरावस्था के उदाहरण
- रमेश महेश से अच्छा है.
- रमा उमा से पटु बालिका है.
- गंगा कावेरी से पवित्र नदी है.
उत्तमावस्था
जब कोई विशेषण शब्द दो या अधिक संज्ञा या सर्वनाम शब्दों में से किसी एक संज्ञा या सर्वनाम शब्द की श्रेष्ठता या हीनता प्रकट करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है तो वहाँ उस विशेषण की अवस्था को उत्तमावस्था कहते हैं. विशेषण की उत्तमावस्था बनाने के लिए या तो मूल विशेषण में तम/इष्ठ/तरीन में से किसी एक प्रत्यय को जोड़ा जाता है या फिर मूल विशेषण से पहले सबसे शब्द का प्रयोग किया जाता है.
विशेषण की उत्तमावस्था के उदाहरण
- राम सबसे अच्छा लड़का है.
- कमला गाँव की वरिष्ठ महिला है.
- शंकर विद्यालय का श्रेष्ठ विद्यार्थी है.
- गंगा सबसे पवित्र नदी है.
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