Karam Vachya
कर्म वाच्य की परिभाषा (Karam Vachya Ki Paribhasha)
क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात होता हो कि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का सीधा सम्बन्ध वाक्य में प्रयुक्त कर्म से है अर्थात वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के लिंग और वचन में परिवर्तन वाक्य के कर्म के अनुसार हो तो उसे कर्म वाच्य कहते हैं। कर्म वाच्य में वाक्य का उद्देश्य क्रिया के कर्म को माना जाता है। कर्म वाच्य में क्रिया सदैव सकर्मक क्रिया होगी।
द्विकर्मक क्रियाओं के कर्म वाच्य में मुख्य कर्म उद्देश्य एवं गौण कर्म ज्यों का त्यों रहता है. अपूर्ण सकर्मक क्रियाओं के कर्म वाच्य में मुख्य कर्म उद्देश्य होता है.
जैसे:-
- राजा को भेंट दी गई.
- सिपाही सरदार बनाया गया.
भूलना, खोना, जनना आदि क्रियाएँ कर्म वाच्य (Karam Vachya) में प्रयुक्त नहीं होती हैं।
सरकारी दस्तावेज़ों और कानून की भाषा में प्रभुता दिखाने के लिए कर्मवाच्य क्रिया का उपयोग किया जाता है.
जैसे:-
- सख्त कार्रवाई की जायगी।
- इत्तला दी जाती है।
यदि किसी वाक्य में क्रिया का कर्ता अनुपस्थित हो, अथवा वाक्य में कर्ता को व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं हो तो ऐसे वाक्यों में कर्म वाच्य होता है। ऐसे वाक्यों में क्रिया के लिंग और वचन का परिवर्तन कर्म के अनुसार होता है, न की कर्ता के अनुसार। वाक्य में कर्ता अनुपस्थित होने की स्थिति में वाक्य का कर्म ही कर्ता के रूप में प्रयुक्त होता है।
जैसे:-
- खाना बना लिया गया है।
- चोर पकड़ा गया है।
- दीवार बना ली गई है।
यदि किसी वाक्य में कर्ता को करण कारक (‘से’ परसर्ग) में लिखा गया हो और क्रिया सकर्मक क्रिया हो तो वहाँ कर्म वाच्य होता है।
जैसे:-
- राम से पुस्तक नहीं पढ़ी जाती है।
- लड़के से रोटी नहीं खाई गई।
अशक्तता के अर्थ में भी कर्म वाच्य क्रिया का उपयोग किया जाता है।
जैसे:-
- रोगी से अन्न नहीं खाया जाता।
- हमसे तुम्हारी बात न सुनी जायगी।
कर्म वाच्य के उदाहरण (Karam Vachya Ke Udaharan)
- कपड़ा सिया जाता है।
- चिठ्ठी भेजी गई।
- पिताजी द्वारा कहानी सुनाई जाएगी।
- उसके द्वारा खाना बनाया गया।
- राधा द्वारा गाना गाया गया।
- बच्चों द्वारा चित्र बनाए गए।
- मुझसे लिखा नहीं जाता।
- मुझसे चला नहीं जाता।
कर्तृ वाच्य से कर्म वाच्य बनाना
कर्तृ वाच्य में कर्ता की और कर्म वाच्य (Karam Vachya) में कर्म की प्रधानता होती है। कर्तृ वाच्य के वाक्य को कर्म वाच्य के वाक्य में बदलने के लिए वाक्य में प्रयुक्त कर्ता की बजाए वाक्य के कर्म को प्रधानता दी जाती है। इसके लिए या तो कर्ता को करण कारक में प्रयुक्त किया जाए या फिर वाक्य में से कर्ता का लोप कर दिया जाए। जैसे:-
क्र. | कर्तृ वाच्य | कर्म वाच्य |
01. | राम खाना बनाता है। | राम द्वारा खाना बनाया जाता है। |
02. | वह पत्र लिखता है। | उसके द्वारा पत्र लिखा जाता है। |
03. | प्रशान्त ने किताब पढ़ी। | प्रशान्त द्वारा पुस्तक पढ़ी गई। |
उपरोक्त उदाहरणों में आप देख सकते हैं की कर्तृ वाच्य के वाक्यों को कर्म वाच्य के वाक्यों में बदलने के लिए वाक्य के कर्ता की बजाए कर्म को प्रधानता दे दी गई है।
कर्म वाच्य के अन्य उदाहरण (Karam Vachya Examples in Hindi)
- पैन खो गया।
- पैंसिल खो गयी।
- बकरी खो गयी।
- चप्पल खो गयी।
- जूत्ते खो गये।
- विजय खो गया।
- राधा खो गयी।
उपरोक्त सभी उदाहरणों में आप देख सकते हैं कि वाक्य में लिंग, वचन में बदलाव करने पर भी क्रिया का रूप नहीं बदलता है। अतः उपरोक्त सभी उदाहरणों में कर्म वाच्य होगा।
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