Roman numerals या रोमन गिनती का प्रयोग प्राचीन रोम में किया जाता था। इस संख्या पद्दति में संख्याओं का स्थानीय मान नहीं होता, बल्कि कुछ खास चिन्हों(Symbols) का fixed मान होता है। जैसे 10 के लिए “X” तथा 100 के लिए “C”। रोमन गिनती या संख्याओं की एक खास बात यह भी है की इनमे शून्य(Zero) का प्रयोग नहीं होता। इसी वजह से बड़ी संख्याओं को लिखने में परेशानी होती है।
रोमन संख्या में सभी numbers के symbol
| 1 | I |
| 5 | V |
| 10 | X |
| 50 | L |
| 100 | C |
| 500 | D |
| 1000 | M |
1 से 100 तक रोमन गिनती (one to hundred roman numerals)
| 1 | I | एक |
| 2 | II | दो |
| 3 | III | तीन |
| 4 | IV | चार |
| 5 | V | पाँच |
| 6 | VI | छः |
| 7 | VII | सात |
| 8 | VIII | आठ |
| 9 | IX | नौ |
| 10 | X | दस |
11 से 20 तक रोमन संख्या
| 11 | XI | ग्यारह |
| 12 | XII | बारह |
| 13 | XIII | तेरह |
| 14 | XIV | चौदह |
| 15 | XV | पन्द्रह |
| 16 | XVI | सोलह |
| 17 | XVII | सत्रह |
| 18 | XVIII | अठारह |
| 19 | XIX | उन्नीस |
| 20 | XX | बीस |
21 से 30 तक रोमन संख्या
| 21 | XXI | इक्कीस |
| 22 | XXII | बाईस |
| 23 | XXIII | तेईस |
| 24 | XXIV | चौबीस |
| 25 | XXV | पच्चीस |
| 26 | XXVI | छब्बीस |
| 27 | XXVII | सत्ताईस |
| 28 | XXVIII | अट्ठाईस |
| 29 | XXIX | उन्तीस |
| 30 | XXX | तीस |
31 से 40 तक रोमन संख्या
| 31 | XXXI | इकतीस |
| 32 | XXXII | बत्तीस |
| 33 | XXXIII | तैंतीस |
| 34 | XXXIV | चौंतीस |
| 35 | XXXV | पैंतीस |
| 36 | XXXVI | छत्तीस |
| 37 | XXXVII | सैंतीस |
| 38 | XXXVIII | अड़तीस |
| 39 | XXXIX | उनतालीस |
| 40 | XL | चालीस |
41 से 50 तक रोमन संख्या
| 41 | XLI | इकतालीस |
| 42 | XLII | बयालीस |
| 43 | XLIII | तैंतालीस |
| 44 | XLIV | चवालीस |
| 45 | XLV | पैंतालीस |
| 46 | XLVI | छियालीस |
| 47 | XLVII | सैंतालीस |
| 48 | XLVIII | अड़तालीस |
| 49 | XLIX | उन्चास |
| 50 | L | पचास |
यह भी पढ़े : १ से १०० तक हिंदी में गिनती सीखे
51 से 60 तक रोमन संख्या
| 51 | LI | इक्यावन |
| 52 | LII | बावन |
| 53 | LIII | तिरपन |
| 54 | LIV | चौवन |
| 55 | LV | पचपन |
| 56 | LVI | छप्पन |
| 57 | LVII | सत्तावन |
| 58 | LVIII | अट्ठावन |
| 59 | LIX | उनसठ |
| 60 | LX | साठ |
61 से 70 तक रोमन संख्या
| 61 | LXI | इकसठ |
| 62 | LXII | बासठ |
| 63 | LXIII | तिरसठ |
| 64 | LXIV | चौंसठ |
| 65 | LXV | पैंसठ |
| 66 | LXVI | छियासठ |
| 67 | LXVII | सड़सठ |
| 68 | LXVIII | अड़सठ |
| 69 | LXIX | उनहत्तर |
| 70 | LXX | सत्तर |
71 से 80 तक रोमन संख्या
| 71 | LXXI | इकहत्तर |
| 72 | LXXII | बहत्तर |
| 73 | LXXIII | तिहत्तर |
| 74 | LXXIV | चौहत्तर |
| 75 | LXXV | पचहत्तर |
| 76 | LXXVI | छिहत्तर |
| 77 | LXXVII | सतहत्तर |
| 78 | LXXVIII | अठहत्तर |
| 79 | LXXIX | उन्यासी |
| 80 | LXXX | अस्सी |
81 से 90 तक रोमन संख्या
| 81 | LXXXI | इक्यासी |
| 82 | LXXXII | बयासी |
| 83 | LXXXIII | तिरासी |
| 84 | LXXXIV | चौरासी |
| 85 | LXXXV | पचासी |
| 86 | LXXXVI | छियासी |
| 87 | LXXXVII | सत्तासी |
| 88 | LXXXVIII | अट्ठासी |
| 89 | LXXXIX | नवासी |
| 90 | XC | नब्बे |
91 से 100 तक रोमन संख्या
| 91 | XCI | इक्यानवे |
| 92 | XCII | बानवे |
| 93 | XCIII | तिरानवे |
| 94 | XCIV | चौरानवे |
| 95 | XCV | पंचानवे |
| 96 | XCVI | छियानवे |
| 97 | XCVII | सत्तानवे |
| 98 | XCVIII | अट्ठानवे |
| 99 | XCIX | निन्यानवे |
| 100 | C | सौ |
रोमन संख्या कैसे लिखें
किसी symbol के बायीं तरफ कोई संख्या लिखना, इसका मतलब बड़ी संख्या में से वह संख्या घटाई जा रही है। जैसे X के बायीं तरफ I लिखने का मतलब 10 में से 1 घटाया जा रहा है।
9 = IX
किसी symbol के दाएँ तरफ कोई संख्या लिखना मतलब वह जोड़ी जा रही है। उदाहरण के लिए 12 लिखने के लिए X+II
500 रोमन संख्या में कैसे लिखेंगे
रोमन नंबर में 500 के लिए एक fixed symbol “D” का प्रयोग किया जाता है। पांच सौ से ज्यादा बड़ी संख्या के लिए D लिख कर उसमे बची हुई संख्या को जोड़ दिया जाता है। जैसे 600 लिखने के लिए 500+100 अर्थात DC लिखा जाता है। इसी प्रकार चार सौ लिखने के लिए D लिख कर इसमें से 100 अर्थात “C” को घटा दिया जाता है। जिसे चार सौ को “CD” लिखा जाता है।
रोमन संख्या में 1000 कैसे लिखेंगे
रोमन नंबर में 1000 के लिए एक fixed symbol “M” का प्रयोग किया जाता है। हजार से बड़ी संख्याओं के लिए M लिखकर उसमें बची हुई संख्याओं को जोड़ दिया जाता है। जैसे 1200 लिखने के लिए 1000+100+100 अर्थात MCC लिखकर बारहसौ को व्यक्त किया जाता है, इसी प्रकार 1000 से छोटी संख्याओं को लिखने के लिए M लिखकर उसमे से extra संख्या को घटा दिया जाता है। उदाहरण के लिए 900 लिखने के लिए 1000-100 अर्थात CM
किसी बड़ी संख्या को लिखने के लिए सबसे पहले उस संख्या में सबसे बड़ी संख्या के नंबर को लिखा जाता है। उदाहरण के लिए 270 लिखने के लिए सबसे पहले 200 फिर 50 फिर 20
- 270 = CC+L +XX
- 35 = XXX+V
- 2020 = MM+XX
50 को रोमन अंक में कैसे लिखते हैं?
पचास को रोमन अंक में लिखने के लिए “L” symbol का प्रयोग किया जाता है।
1050 को रोमन प्रणाली में कैसे लिखेंगे?
1050 को रोमन संख्या में लिखने के लिए ML का प्रयोग किया जाता है 1000 + 50 = M + L
रोमन में 0 कैसे लिखते हैं?
रोमन संख्या पद्दति में शून्य या 0 नहीं होता, ये 1 से शुरू होती है और सबसे बड़ा चिन्ह M अर्थात 1000 का होता है।
Other Posts; Related to Hindi Vyakran
संज्ञा की परिभाषा, भेद और उदाहरण
- भाववाचक संज्ञा की परिभाषा और उदाहरण
- जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा और उदाहरण
- व्यक्तिवाचक संज्ञा की परिभाषा और उदाहरण
सर्वनाम की परिभाषा, भेद और उदाहरण
- संबंधवाचक सर्वनाम की परिभाषा एवं उदाहरण
- निजवाचक सर्वनाम की परिभाषा एवं उदाहरण
- प्रश्नवाचक सर्वनाम की परिभाषा एवं उदाहरण
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम की परिभाषा एवं उदाहरण
- निश्चयवाचक सर्वनाम की परिभाषा एवं उदाहरण
- पुरुषवाचक सर्वनाम की परिभाषा, भेद और उदाहरण
समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण
- अव्ययीभाव समास की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
- द्विगु समास की परिभाषा और उदाहरण
- कर्मधारय समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण
- बहुव्रीहि समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण
- द्वन्द्व समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण
- तत्पुरुष समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण
वाक्य की परिभाषा, भेद एवं उदहारण
- मिश्र वाक्य की परिभाषा एवं उदाहरण
- संयुक्त वाक्य की परिभाषा एवं उदाहरण
- साधारण वाक्य की परिभाषा एवं उदहारण
व्यंजन की परिभाषा, भेद और वर्गीकरण
- उत्क्षिप्त व्यंजन
- संघर्षहीन व्यंजन
- प्रकम्पित व्यंजन
- संघर्षी व्यंजन
- स्पर्श व्यंजन
- नासिक्य व्यंजन
- स्पर्श संघर्षी व्यंजन
- पार्श्विक व्यंजन
विराम चिह्न की परिभाषा, भेद और नियम
सम्पूर्ण हिंदी व्याकरण
- प्रत्यय
- उपसर्ग
- शब्द-विचार
- कारक
- विलोम शब्द
- पर्यायवाची शब्द
- तत्सम और तद्भव शब्द
- संधि और संधि-विच्छेद
- सम्बन्धबोधक अव्यय
- अयोगवाह
- हिंदी वर्णमाला
- वाक्यांश के लिए एक शब्द
- समुच्चयबोधक अव्यय
- विस्मयादिबोधक अव्यय
- हिंदी लोकोक्तियाँ
- हिंदी स्वर
- संज्ञा उपवाक्य
- भाव वाच्य
- कर्तृ वाच्य
- कर्म वाच्य
अन्य लेख
